लेखनी प्रतियोगिता -09-Nov-2022 रूप की चांदनी
सारी उम्र तन चमकाने में गुजार दी
मन को छोड़ तन की आरती उतार दी
हसीन चेहरे गोरे रंग के पीछे भागते रहे
आंखों की गहराई , कसावट नापते रहे
सफेद बालों को रंग खुद को धोखा दिया
सच्चाई दरकिनार कर झूठ को मौका दिया
अधरों पे फीकी हंसी सजा कर ठगते रहे
दिल में रोते रहे , सबके सामने हंसते रहे
कभी स्पा कभी मसाज कभी योग कर लिया
मन के मैल धोने का कभी जतन नहीं किया
मन के आईने में झांककर खुद को निहारते
तो शायद वास्तविक सौन्दर्य और संवारते
श्री हरि
9.11.22
Please login to leave a review click here..
Abhinav ji
10-Nov-2022 07:58 AM
Very nice👍
Reply
Shashank मणि Yadava 'सनम'
10-Nov-2022 07:33 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
Reply
Gunjan Kamal
09-Nov-2022 09:52 PM
बहुत खूब
Reply